विवरण
Peenemünde आर्मी रिसर्च सेंटर की स्थापना 1937 में जर्मन आर्मी वेपन्स ऑफिस (Heereswaffenamt) के तहत पांच सैन्य प्रयासों में से एक के रूप में हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के कई जर्मन निर्देशित मिसाइलों और रॉकेटों को एचवीपी द्वारा विकसित किया गया था, जिसमें वी-2 रॉकेट शामिल थे। मई 1945 में सोवियतों के गिरने से पहले अगस्त 1943 से ऑपरेशन क्रॉसबो में ब्रिटिशों द्वारा काम पर हमला किया गया।