विवरण
विनायक दामोदर सावरकर एक भारतीय विचारक, राजनीतिक कार्यकर्ता और लेखक थे। सावरकर ने 1922 में रत्नागिरी में कबूल करते हुए हिंदुत्व की हिंदू राष्ट्रवादी राजनीतिक विचारधारा विकसित की। जब उन्होंने छद्मनीम चित्रगुप्त के तहत अपनी खुद की जीवनी को दंडित किया, तब उनके द्वारा उपसर्ग "वीर" दिया गया है। वह हिंदू महासभा में अग्रणी आंकड़ा थे